🌿 आरोग्य आर्यावर्त — समग्र स्वास्थ्य की नई परंपरा
- atal Aman
- Oct 13
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भारत की आत्मा सदैव से “आरोग्य” में बसती रही है। हमारे शास्त्रों में कहा गया है — “आरोग्यं परमं भाग्यं”, अर्थात् स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा सौभाग्य है।
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने इसी भावना को आधुनिक भारत के केंद्र में रखकर “आरोग्य भारत” का विचार रखा — एक ऐसा भारत जो केवल रोगमुक्त ही नहीं, बल्कि सशक्त, संतुलित और समग्र रूप से स्वस्थ हो। प्रधानमंत्री जी ने आरोग्य भारत की परिकल्पना को पाँच मुख्य स्तंभों पर आधारित बताया है, जो आने वाले युग के भारत का स्वास्थ्य नक्शा तैयार करते हैं।
* प्रिवेंटिव हेल्थ केयर
* समय पर बीमारी का इलाज
* किफायती चिकित्सा
* ग्रामीण क्षेत्रों में उत्तम चिकित्सा के व्यवस्था
* चिकित्सा सेवा में टेक्नोलॉजी का विस्तार
🌿 आरोग्य आर्यावर्त — समग्र स्वास्थ्य की नई परंपरा
प्रधानमंत्री जी के इन्हीं पाँच स्तंभों से प्रेरणा लेकर “आरोग्य आर्यावर्त” की स्थापना की गई — एक ऐसी परिकल्पना जो केवल शरीर के उपचार तक सीमित न रहकर मन, प्राण और प्रकृति की संतुलन पर केन्द्रित है।
इस दिशा में आचार्य व्यंकटेश शर्मा, आचार्य ॐकार महादेव और डॉ. यामिनी भूषण त्रिपाठी ने सामूहिक रूप से अपना योगदान दिया है। आचार्य व्यंकटेश शर्मा और आचार्य ॐकार महादेव ने आरोग्य के आदर्श को जनमानस तक ले जाने का संकल्प लिया, जबकि डॉ. यामिनी भूषण त्रिपाठी, जो आई.एम.एस. काशी हिंदू विश्वविद्यालय में आयुर्वेद संकाय के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं, ने अपने परंपरागत वैद्य परिवार की विद्या और आधुनिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण को मिलाकर इस पहल को नवीन दिशा दी। डॉ. त्रिपाठी जी का परिवार पीढ़ियों से काशी नरेश और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक पंडित मदन मोहन मालवीय का वैद्य रहा है, और उन्होंने उस वैद्यपरंपरा के सिद्धांतों को आज के समय में पुनर्जीवित किया है।
आरोग्य आर्यावर्त का मुख्य उद्देश्य है — रोग, ऋण और शत्रु से मुक्त जीवन।
उद्देश्य :- मनुष्य में देवत्व का उदय हो और प्राण और प्राकृतिक की रक्षा हो, जब मनुष्य अपने प्राण की शुद्धि और प्रकृति की रक्षा करता है, तभी वह सच्चे आरोग्य की ओर बढ़ सकता है।




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